प्रस्तुत है डाक्टर एस के मित्तल द्वारा प्रेषित रचना समय की पुकार
समय की पुकार
समय की पुकार आज की दरकार
जाग दोस्त सुन भारत माता की पुकार
जो दंगा करते हैं
जो नर संहार करते है
जो जातिवाद की नफरत की आग में देश को में झोंकते
राम- रहीम -इसा - गुरु -गाँधी -बाबा की बात करते है
इन आस्तीन के सांपो से
सावधान ख़बरदार होशियार
मेरे देश वासिओं कसलो कमर,
होजाओ त्यार
इन पापिओं को सबक सिखाना होगा
हर हथियार काम में ला इन्हें उडाना होगा
देर बहुत हो जायेगी
मानवता कराहयेगी
जब देश ही ना रहा
तो नींद कहाँ से आएगी
आज की ताजा ख़बर ...............
कश्मीर जल रहा है
काबूल आतंकियों से थर्रा रहा है
गुलाम इस्तीफ़ा दे दिल्ली चल रहा है
मनमोहन टोकियो में बुश से चोंचे लड़ा रहा है
वाम हका बका मुलायम अवसर ताक रहा है
महंगाई का नाग डस रहा किसान जहर खा रहा है
भारतमाँ का मुकट खतरे में है केन्द्र थर्रा रहा है
समय की पुकारआज की दरकार
जाग दोस्त सुन भारत माता की पुकार
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की डिजिटल इंडिया नीति में बाधक- अध्यापकों की आशंकाएँ
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अध्यापकों की आशंकाएँ
*पूर्णतः आवासीय नवोदय विद्यालयों के प्रणेता भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री
राजीव गांधी को भारत में कम्प्यूटर युग प्रारंभ करने का श्रेय भी ...
2 weeks ago
बहुत ही अच्छा और विचारों को उत्तेजित करता हुआ लेख है। ऐसा अक्सर लड़कियों के साथ होता है। और दुख की बात तो यह है कि हम सब इसके आदी हो चुके हैं। बहुत सारी महिलाएँ इस सब के लिए मानसिक रूप से तैयार भी हैं। केवल कुछ ही विरोध कर पाती हैं।
ReplyDeleteमैं चाहती हूँ कि परिवार के लोग इस बात को समझें तथा शादी जैसे अहम् मुद्दे पर अपनी बेटी को प्राथमिकता देनी चाहिए। नारी जब तक स्वयं अपने साथ होने वाले अन्याय का विरोध नहीं करेगी कोई उसकी मदद नहीं कर सकता।
shobhaji
ReplyDeletebahut-bahut dhanyavad, lekin aap jis lekh par comment dena chahati thi usaki apeksha doosare par likh diya. sambhavath yah comment- mahila sashaktikarn ki pol kholata ek khay ke liye hai.