Saturday, May 31, 2025

साथ में साथी चाहा अब तक

 खुद ही खुद के साथ रहेंगे


नहीं किसी से प्रेम चाहिए, खुद ही खुद से प्रेम करेंगे।

साथ में साथी चाहा अब तक, खुद ही खुद के साथ रहेंगे।।

जिसको चाहा, ठगा है उसने।

विश्वास किया, लूटा है उसने।

जिस-जिसको, है, गले लगाया,

अन्तर्मन बींधा, उस-उस ने।

नहीं किसी का हाथ चाहिए, खुद ही खुद का हाथ गहेंगे।

साथ में साथी चाहा अब तक, खुद ही खुद के साथ रहेंगे।।

कुछ लेने की चाह नहीं है।

लुटने की परवाह नहीं है।

झूठ, कपट षड्यंत्र हैं झेले,

मुस्कान बची, अब आह नहीं है।

हमको अपने पथ है चलना, सब अपने-अपने पाथ रहेंगे।

साथ में साथी चाहा अब तक, खुद ही खुद के साथ रहेंगे।।

जो नहीं अपना, नहीं चाहिए।

अधिकार जो झूठा, नहीं चाहिए।

यर्थाथ जीवन, जो है, जीना,

आडंबर कोई, नहीं चाहिए।

नहीं चाह है, ना चाहत है, नहीं किसी के, नाथ रहेंगे।

साथ में साथी चाहा अब तक, खुद ही खुद के साथ रहेंगे।।


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