तुमसे हमारी यारी है
प्रेम नहीं केवल है तुमसे, छाया तुम्हारी प्यारी है।
साथ भले ही, नहीं रहो तुम, तुमसे हमारी यारी है।।
वाद-विवाद में नहीं है पड़ना।
राही हैं हम, नहीं है अड़ना।
तुम्हारी बात ही ऊपर मानी,
हमको नहीं है, ऊपर चढ़ना।
आकर्षित हम नहीं है केवल, तुम्हारी आन भी प्यारी है।
साथ भले ही, नहीं रहो तुम, तुमसे हमारी यारी है।।
आदत भले ही भिन्न-भिन्न हैं।
भले वियोग में आज खिन्न हैं।
जब भी तुम्हें जरूरत होगी,
नहीं दूर हैं, नहीं भिन्न हैं।
हमको कोई शौक नहीं है, तुम्हारी शान ही प्यारी है।
साथ भले ही, नहीं रहो तुम, तुमसे हमारी यारी है।।
प्रदर्शन की, तुम हो खिलाड़ी।
तुम्हारे आगे, हम हैं अनाड़ी।
नए-नए नित तुम्हारे शौक हैं,
हम हैं पुराने, चढ़ें न गाड़ी।
कर्म के पथिक, हम तो ठहरे, तुमरी राह ही न्यारी है।
साथ भले ही, नहीं रहो तुम, तुमसे हमारी यारी है।।
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