ऐश्वर्य तुम्हारा बना रहे
चेहरे पर मुस्कान रहे नित, प्रेम तुम्हारा बना रहे।
मिलें प्रेम की ढेरों खुशियाँ, ऐश्वर्य तुम्हारा बना रहे।।
कभी याद ना हमको करना।
कभी किसी से ना तुम डरना।
सह लेंगे हम घात तुम्हारे,
तुमको मिले खुशियों का झरना।
हम लुटने को राजी नित, कोष तुम्हारा बना रहे।
मिलें प्रेम की ढेरों खुशियाँ, ऐश्वर्य तुम्हारा बना रहे।।
नहीं कोई है चाह हमारी।
तुम्हें मिले, प्रेमी की क्यारी।
तुमसे मुक्ति मिल जाए हमको,
एक यही है आह हमारी।
कोई सजा न हमको भारी, इकबाल तुम्हारा बना रहे।
मिलें प्रेम की ढेरों खुशियाँ, ऐश्वर्य तुम्हारा बना रहे।।
धन की चाहत, तुम्हारी पूरी।
प्रेमी बिन, ना, रहो अधूरी।
विश्वासघात हम झेल चुके हैं,
आरिफ की चाह, करो तुम पूरी।
हम तो एकल ही जी लेंगे, साथ तुम्हारा बना रहे।
मिलें प्रेम की ढेरों खुशियाँ, ऐश्वर्य तुम्हारा बना रहे।।
No comments:
Post a Comment
आप यहां पधारे धन्यवाद. अपने आगमन की निशानी के रूप में अपनी टिप्पणी छोड़े, ब्लोग के बारे में अपने विचारों से अवगत करावें.