Thursday, May 19, 2022

तुम तो प्यारी अंदर हो

 नहीं कोई रिश्ता है तुमसे, तुम तो दिल की मंदर हो।

हम प्यार करते हैं खुद से, तुम तो प्यारी अंदर हो।।

तुमसे है अस्तित्व हमारा।

तुमही हो बस मात्र सहारा।

तुमने ही जीना सिखलाया,

तुम ही नदी, तुम ही किनारा।

प्रेम की डोर बधें हम पुतले, तुम ही हमारी कलंदर हो।

हम प्यार करते हैं खुद से, तुम तो प्यारी अंदर हो।।

तुमसे नफरत नहीं कर सकते।

खुद ही खुद को नहीं छल सकते।

प्रारंभ और अंत भी तुम हो,

नारी बिन नर, जी नहीं सकते।

नहीं हो केवल प्रेम सरोवर, तुम तो पूरी समंदर हो।

हम प्यार करते हैं खुद से, तुम तो प्यारी अंदर हो।।

तुम हमसे कभी विलग नहीं हो।

चिंगारी बन सुलग रही हो।

शीतल अग्नि प्रेम की मधुरा,

अंर्धाग हो मेरी, अलग नहीं हो।

तूफानी खतरों में हम फँसते, तुम ही हमारी लंगर हो।

हम प्यार करते हैं खुद से, तुम तो प्यारी अंदर हो।।


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