Tuesday, March 10, 2020

                     फिर भी आई, देखो, होली!

                                                     डाॅ.संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी

वासंती के बजे तराने।
बातेें करते, सभी सुहाने।
प्रदूषण चहुँ ओर बढ़ रहा,
कैमीकल रंगते  मनमाने।
हिंसा की चलती है गोली।
फिर भी आई, देखो, होली!

चहुँ ओर है, भागम-भाग।
गोली चलतीं, लगती आग।
ऐसिड फेंके, पत्थर मारे,
पुलिस के साथ भी ऐसा फाग।
सीएए पर इनकी, कड़वी होती बोली।
फिर भी आई, देखो, होली!

होली रख कर, आग लगाते।
मन का मैल मिटा ना पाते।
काम न कर, व्यर्थ आलोचन,
स्वार्थ की खातिर हैं भरमाते।
फैशन नाम, केवल है चोली।
फिर भी आई, देखो, होली!

प्रदूषण तुम नहीं बढ़ाओ।
मन का सारा मैल मिटाओ।
परंपराओं में सुधार करो अब,
जीवन पर्यावरण  बचाओ।
आज की राधा, नहीं है भोली।
फिर भी आई, देखो, होली!

प्रेम के रंग में सबको रंग दें।
सद वृत्तियाँ, दिलों में भर दें।
लोक कल्याण का भाव जगाकर,
सबके दिल आनंदित कर दें।
सबके गालों पर हो, सच्चाई की रोली।
फिर भी आई, देखो, होली!
ई-मेलः santoshgaurrashtrapremi@gmail.com, चलवार्ता 09996388169/8787826168
                        visit us: rashtrapremi.com,www.rashtrapremi.in              
जवाहर नवोदय विद्यालय, महेंद्रगंज, दक्षिण पश्चिम गारो पहाड़ियाँ, मेघालय-794106 

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