शादी हैं धन्धा बनीं, झूठे दहेज के केस।
काली कपट कलंकिनी, पहनें दुल्हन वेश॥
काली कपट कलंकिनी, पहनें दुल्हन वेश॥
शर्म हया लज्जा बिकी, धन ही है बस सार।
शादी पति के पर्स से, मजे करन को यार॥
शादी पति के पर्स से, मजे करन को यार॥
शादी को कुछ ओर है, नौकरी को कुछ ओर।
शादी को धन्धा बना, कहत और को चोर॥
शादी को धन्धा बना, कहत और को चोर॥
No comments:
Post a Comment
आप यहां पधारे धन्यवाद. अपने आगमन की निशानी के रूप में अपनी टिप्पणी छोड़े, ब्लोग के बारे में अपने विचारों से अवगत करावें.