आशा है हम सभी इस स्वतन्त्रता दिवस की आन की रक्षा के लिये अपने पूर्वजों के प्राणों द्वारा सृजित देश की स्वतन्त्रता के लिये जीना सीखेगे, याद रखें देश के लिये मरने से अधिक कठिन हे देश के लिये जीना।
स्वतंत्रता
स्व-तंत्रता दिवस मनाते हैं पर स्वतंत्र का अर्थ नहीं जाना।
स्व-तंत्र को तो ध्वस्त करें नित, गायें स्वतंत्रता का गाना।।
स्वतंत्र हुए स्वच्छन्द नहीं, सबको पड़ेगा समझाना।
स्वतंत्र हुए स्वच्छन्द नहीं, सबको पड़ेगा समझाना।
तोड-फोड़ कर आग लगाते,लक्ष्य विकास का यू¡ पाना?
सार्वजनिक सम्पत्ति अपनी, समझ के घर ही ले जाना।
अधिकारॊं को झगड़ रहे नित, कर्तव्यो को ठुकराना॥
कैसे होगा विकास साथियो? मार्ग तुम्हीं को दिखलाना।
दिवस मनाते हैं, पर स्वतंत्र का अर्थ नहीं जाना।।
कैसा तंत्र कैसी व्यवस्था?हमको हड़ताल पर है जाना!
कैसा तंत्र कैसी व्यवस्था?हमको हड़ताल पर है जाना!
हमारी सरकार, हमारी निगमें,बिना टिकिट हमको जाना॥
देश के, स्वतंत्र नागरिक, बिना किये सब कुछ पाना।
विद्यालयों में विलास करेंगे,नकल से पास ही हो जाना॥
दाम के बिन काम करें नहीं, भले ही हो चारा खाना।
दिवस मनाते हैं,पर स्वतंत्र का अर्थ नहीं जाना।।
आज स्वतंत्रता दिवस साथियो, संकल्प एक करना
आज स्वतंत्रता दिवस साथियो, संकल्प एक करना
तन्त्र दुरूस्त करने की खातिर, जागरूक रहना होगा।
भ्रष्टाचार करने वालों को, आखिर सबक सिखाना होगा॥
हाथी के पाव¡ में सबका पा¡व, सबको ही समझाना
सार्वजनिक हित में निजी स्वार्थ तज, गायें स्वतंत्रता का गाना।
स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, पर स्वतंत्र का अर्थ नहीं जाना।।
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें !
ReplyDeleteआपका संदेश सामयिक एवं देशवासियों के लिए आज के हालात देखते हुए आवश्यक है ! देश की संपत्ति को अपने घर ले जाते हुए .....इतने वर्षों बाद भी...यह समझ नहीं आता इनको !