प्रेम नहीं मिलता कहीं, करो न उसकी खोज।
खुले हाथ तुम बांट लो, मिलता है हर रोज॥
प्रेम नहीं मांगे मिले, मिले न हाट बजार।
शिकारी ना प्रेम पाय, शिकार करे हजार॥
प्रेम पास ना फ़टकता, पास न दमड़ी होय।
प्रेम नाम सब लूटते, छोड़त खाली जोय॥
प्रेम आज सस्ता हुआ, हलो, हाय, ज्यों होय।
प्रेमी क्षण-क्षण बदलते, पति को डाला धोय॥
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