Tuesday, June 7, 2016

प्रेमी क्षण-क्षण बदलते, पति को डाला धोय

प्रेम नहीं मिलता कहीं, करो उसकी खोज।

खुले हाथ तुम बांट लो, मिलता है हर रोज॥


प्रेम नहीं मांगे मिले, मिले हाट बजार।

शिकारी ना प्रेम पाय, शिकार करे हजार॥


प्रेम पास ना फ़टकता, पास दमड़ी होय।

प्रेम नाम सब लूटते, छोड़त खाली जोय॥



प्रेम आज सस्ता हुआ, हलो, हाय, ज्यों होय।

प्रेमी क्षण-क्षण बदलते, पति को डाला
धोय॥

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