चाँद की चाँदनी, बसंत बाहर।
फूलों की खुसबू, हमारा प्यार।
गाओ गीत, बिखेरो मुस्कान,
आपको मुबारक होली का त्यौहार।
प्यार के रंग से भरो पिचकारी,
स्नेह से रंग दो दुनिया सारी।
रंग न जाने भाषा, न कोई बोली,
आपको मुबारक हो, मित्रो होली।
धर्म, कर्म और शिक्षा- विवेकानन्द के सन्दर्भ में
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शिक्षा मानव विकास के लिए आधारभूत आवश्यकता है। इस तथ्य पर सार्वकालिक
सर्वसहमति रही है। शिक्षा के आधारभूत सिद्धांतों को लेकर विभिन्न समाजों में
मतान्तर रहा...
2 days ago
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