Wednesday, August 27, 2025

जन्म दिवस हो तुम्हें मुबारक

 अपने पुत्र के जन्म दिवस 8 अगस्त 2025  के लिए गुजरात यात्रा के दौरान रेलगाड़ी में 7 अगस्त 2025 को लिखी गयी कविता प्रस्तुत है

कर्म क्षेत्र में आगे आओ





सीख रहे हो जग से अब तक, वापस दो अब कुछ सिखलाओ।


जन्म दिवस हो तुम्हें मुबारक कर्म क्षेत्र में आगे आओ।।


पच्चीसवें वर्ष में प्रवेष कर रहे।


षिक्षालयों में अभी रह रहे।


षिक्षा है आजीवन चलनी,


समाज में कितना आगे बढ़ रहे?


देष से पाया, वापस करना, आनंद से आगे बढ़ते जाओ।


जन्म दिवस हो तुम्हें मुबारक कर्म क्षेत्र में आगे आओ।।


चाहत पर जिद, नहीं कभी की।


साथ की इच्छा, पूरी नहीं की।


कठोर तुम्हारे साथ रहा मैं,


पूरी चाहत, नहीं कभी की।


कोई इच्छा प्रकट न करते, कर्तव्य पथ पर बढ़ते जाओ।


जन्म दिवस हो तुम्हें मुबारक कर्म क्षेत्र में आगे आओ।।


 मुझसे नहीं मिला जो तुमको।


मिल जाए वह जग से तुमको।


काम में ही नहीं खो जाना प्रिय!


आनंद से जीना, है अब तुमको।


हर पल, हर पथ, साथ तुम्हारे, सीखो और सिखाते जाओ।


जन्म दिवस हो तुम्हें मुबारक कर्म क्षेत्र में आगे आओ।।


 

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