Thursday, June 12, 2025

होते नहीं, कभी पस्त हैं

चाह नहीं,

चाहत नहीं।


आह! नहीं,

आहत नहीं।


हाय और हैलो नहीं,

अपना कोई फैलो नहीं।


अपेक्षा नहीं,

उपेक्षा नहीं।


इच्छा नहीं,

परीक्षा नहीं।


वर नहीं,

वरीक्षा नहीं।


रुकते नहीं,

प्रतीक्षा नहीं।


हम अपने में मस्त हैं।

रहते हरदम व्यस्त हैं।

होते नहीं, कभी पस्त हैं।


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