गमों को खुशी में बदल पीजिए
आपको खुशी मिले न मिले, सबको, अपने से खुशी दीजिए।
उर खुशियों का स्रोत है प्यारे, गमों को खुशी में बदल पीजिए।।
चाह किसी की रहे न बाकी।
स्वयं ही बनना हमको पाकी।
आत्म प्रेम सबसे है निर्मल,
चाहत नहीं, मिले कोई साकी।
सबके अपने-अपने रस हैं, किसी के रस को, ना विरस कीजिए।
उर खुशियों का स्रोत है प्यारे, गमों को खुशी में बदल पीजिए।।
परिवार किसी की है मजबूरी।
किसी की बनती इससे दूरी।
तितली फूलों पर मड़रा कर,
निज मन इच्छा करती पूरी।
लुटने का आनंद है भोगा, लुटेरों को, अब, बेनकाब कीजिए।
उर खुशियों का स्रोत है प्यारे, गमों को खुशी में बदल पीजिए।।
नहीं खोज साथी की करनी।
नहीं किसी की आन है हरनी।
सीधे हम, शौक न कोई,
शौकीनों की माँग न भरनी।
स्वत्व तुम्हारा, तुम्हें मुबारक, अपने स्वत्व का मजा लीजिए।
उर खुशियों का स्रोत है प्यारे, गमों को खुशी में बदल पीजिए।।
खुशी जहाँ मिलें रमो वहाँ पर।
हम हैं पिछड़े, रहें कहाँ पर।
हम खुद को ही समझ न पाए,
तुम्हारा कर्ज है सारे जहाँ पर।
अपनत्व जो देते, वह हैं अपने, जीवन, साथ में जी लीजिए।
उर खुशियों का स्रोत है प्यारे, गमों को खुशी में बदल पीजिए।।
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