जीवन
यहां हार भी है, यहां जीत भी है।
जीवन मधुर संगीत भी है।।
अपनों का संग है,जीने की उमंग है।
इंद्रधनुष सम खुशियों का रंग है।।
खुशहाली भी है, और लाचारी भी।
छाई है जीवन में, महामारी भी।।
खुशियों के,गमों के,सभी प्रकार के रंग है।
जीवन अपने आप में, एक मीठी जंग है।।
कोरोना के इस रण में, हम सभी अस्त्र है।
धैर्य और आत्मविश्वास, हमारे शस्त्र है।।
बुलंद रख हौसला, जंग में कर प्रहार।
न देख उस पार, जीत हो या हार।।
जीत की न खुशी, न हो अफसोस हार का।
जीवन एक सबक है , मौका है सुधार का।।
जीवन एक सीख है,जीवन गुरु है।
अंतके बाद ही तो कुछ नया शुरू है।
आदित्य चंद्र साहा, मेघालय
मेरी कविता को प्रकाशित करने के लिए आपका बोहोत बोहोत धन्यवाद सर
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