Sunday, April 30, 2017

शिक्षक शिक्षा के बिना

नहीं किसी पर पकड़ है, ना कोई अधिकार।

समझ और सम्बन्ध से, उड़ती है पतवार॥


उनका ही स्वागत यहां, जिनको ना है चाह।


जो स्वारथ बस आत हैं, उनको है बस आह॥


गुरु नहीं नौकर फ़िरें, शिष्य नहीं, हैं छात्र।


जग में वो ही मिलत है, जिसका है जो पात्र॥


शिक्षक शिक्षा के बिना, छत्र बिना हैं छात्र।


ज्ञानवान वह बनत है, नहीं ज्ञान का पात्र॥

No comments:

Post a Comment

आप यहां पधारे धन्यवाद. अपने आगमन की निशानी के रूप में अपनी टिप्पणी छोड़े, ब्लोग के बारे में अपने विचारों से अवगत करावें.