Friday, October 21, 2011

प्रेम के रंग से जीवन रंग कर, जीवन को रंगीला कर दो

सभी पाठकों, विचारकों व साहित्यकारों को
 दीप-मालिका की हार्दिक शुभकामनाएं
आशा है हम केवल अपने ही घर नहीं
वरन सभी के घर एक छोटा-सा दीप 
जलवाने का प्रयास करेंगे
तथा सभी योग्य बच्चों को
 विद्या का दीप प्रदान करने में सक्षम हो सकेंगे
 ताकि सभी को प्रकाश मिल सके.


जीवन को ज्योतिर्मय कर दो
                         
ज्योति आकर के जीवन में, जीवन को ज्योतिर्मय कर दो।
प्रेम के रंग से जीवन रंग कर, जीवन को रंगीला कर दो॥
आ जाओ हम सब मिलकर,
खुशियों के दीप जलाएंगे।
उर में अपने तुम्हें बिठाकर,
महफिल को महकाएंगे।

अंतर-घट अब रीत रहा है, तुम आकर आपूरित कर दो।
ज्योति आकर के जीवन में, जीवन को ज्योतिर्मय कर दो॥
सब मिलकर हैं नीड़ बनाते,
हम उपवन एक लगाएंगे।
तुम खुशियों के दीप जलाना,
हम रंगों से तुम्हें सजाएंगे।

बिखर रहे हैं भाव हमारे, तुम आकर गरिमामय कर दो।
ज्योति आकर के जीवन में, जीवन को ज्योतिर्मय कर दो॥
आतंक मिटा खेलें हम होली,
सद्भावना के दीप जलाएं।
प्रेम का घी, नेह की बाती,
आओ हम मिल दीप जलाएं।

जन-पूजा के थाल सजे हैं, चटख रंग आकर तुम भर दो।
ज्योति आकर के जीवन में, जीवन को ज्योतिर्मय कर दो॥

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