पिस्ता चौधरी, अध्यापिका,
मेड़ता सिटी, राजस्थान
सत्य की डगर
सरल होती तो
सीता की अग्नि परीक्षा ना होती।
सत्य की डगर
सरल होती तो
पांडवों का अज्ञाातवास ना होता।
सत्य की डगर
सरल होती तो
हरिश्चन्द्र यूँ बेघर ना होता।
सत्य की डगर
सरल होती तो
प्रह्लाद को पीड़ा ना होती।
सत्य की डगर
सरल होती तो
गीता का सार ना होता।
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