स्व- तन्त्र का अर्थ समझ कर,
अपना तन्त्र हम विकसित कर लें,
अन्ना जी का हाथ थाम कर,
अन्ना जी का हाथ थाम कर,
जन-लोकपाल हम निर्मित कर लें,
राजनैतिक आजाद भले ही,
राजनैतिक आजाद भले ही,
स्व-तन्त्र अभी भी नहीं हो पाये,
भ्रष्टाचार है दानव समझो,
भ्रष्टाचार है दानव समझो,
कानून बनाकर अब बस में कर लें.
आजादी की दूसरी लड़ाई,
आजादी की दूसरी लड़ाई,
शुरू कर रहे अन्ना जी
स्वतंत्रता नहीं भेंट में मिलती,
स्वतंत्रता नहीं भेंट में मिलती,
यही बताते अन्नाजी
स्वतंत्रता कमजोर पड़ रही,
स्वतंत्रता कमजोर पड़ रही,
भ्रष्टाचारी हावी है,
स्वतंत्रता की रक्षा के हित,
स्वतंत्रता की रक्षा के हित,
हम भी साथ है अन्नाजी.
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