हम कोई विशिष्ट कम करते हैं तो पुरुस्कार कि चाह रखते हैं । सबको पुरुस्कार प्रिय है किन्तु गलती होने पर या अपराध करने पर दंड की मांग कोई नहीं करता। दण्ड से बचने के लिए माफी मांगना सभी को पसंद आता है । माफी माँगते समय हम बिल्कुल भी लज्जा का अनुभव क्यों नहीं करते कुछ लोग तो माफी माँगने में सिद्ध हस्त होते हैं। हम जिस प्रकार पुरुस्कार मंगाते हैं, उसी प्रकार सानंद दंड कि मांग करनी चाहिऐ । तभी हम अपने आपके प्रति ईमानदार हो सकेंगे।
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