डा. राष्ट्रप्रेमी

"मुझे संसार से मधुर व्यवहार करने का समय नहीं है, मधुर बनने का प्रत्येक प्रयत्न मुझे कपटी बनाता है." -विवेकानन्द

Friday, October 31, 2025

हमारे साथ ना चल पाएगा

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 सच से भय लगता है जिसको जिसने चाहा लूट लिया है। हमने सब स्वीकार किया है। खट्टे मीठे अनुभव अपने, पल-पल हमने खूब जिया है। नहीं किसी से हमें षि...
Wednesday, October 22, 2025

दीपावली पर दोहा छंद...

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  दी पोत्सव की रात में , मन का दीप जलाय। ज्ञान ज्योति आलोक दे ,   सत की राह दिखाय। ।   दीपों की रोशनी से , जगमग हो संसार। अंधकार...
Tuesday, October 21, 2025

अज्ञान को दूर भगाएं

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  ज्ञान दीप जलाएं   ज्ञान का दीप जलाएं , अज्ञान को दूर भगाएं। जीवन को नई दिशा दें , सत्य की राह चलाएं।   मन को शुद्ध बनाएं , ...
Saturday, October 18, 2025

नाम छोड़कर दीपावली पर

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  जन सेवा के दीप जलाएं             राम जी के आदर्श संजोएं। कर्म करें और खुशियाँ बोएं। सत्य, अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य को साध के स...
Wednesday, October 15, 2025

नर-नारी मिल दीप जलाएं।

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 नर-नारी मिल दीप जलाएं              दीपावली पर दीप जलाएं। अंतर्मन को हम महकाएं। सहयोग, समन्वय व सौहार्द्र से नर-नारी मिल दीप जलाएं। शब्द वाण...
Wednesday, October 8, 2025

साथ-साथ हम रहें अकेले

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साथ-साथ हम रहें अकेले                                   तुम्हारे लिए हम जीना भूले, साथ न तुम्हारे ख्वाब हैं। साथ साथ, हम रहें अकेले, अलग तुम...
Tuesday, September 30, 2025

देवीय गुणों को विकसित करके

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  अखिल विश्व की पीड़ा हर लो                                              नारी तुम, देवी शक्ति हो, खुद से खुद को जाग्रत कर लो। देवीय गुणों को ...
Sunday, September 28, 2025

जीवन पीछे छूट गया है।

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  जीवन पीछे छूट गया है               मन मीत अब रूठ गया है। जीवन पीछे छूट गया है।। नहीं, चाव अब मिलने का है। नहीं, चाव अब चलने का है। नहीं, र...
Thursday, September 25, 2025

साकार देवी का पूजन

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  साकार देवी का पूजन                                    © डा.संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी नारी का योगदान स्वीकारें , सुक्खों से निज झोली भर ल...
Wednesday, September 24, 2025

आओ फिर साथ चलें

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इतिहास से मुक्त होकर, पगडंडियों से जरा हटकर, कुदृष्टियों और उपदेशों  को, पीछे छोड़, परिणामों से जरा संभलकर वर्तमान के साथ चलें। ले हाथों में ...
Sunday, September 21, 2025

प्रेम तुम्हें करता हूँ।

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भले ही अकेला रहता हूँ। प्रेम तुम्हें करता हूँ। लुटा, पिटा, थका हुआ, बोझ तले दबा हुआ, चाह भी मर चुकी, कामनाएँ जल चुकीं, पथ में अंधेरा है, साथ...
Thursday, September 18, 2025

अपने लिए ही जीना है अब

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  समस्याओं से नहीं है डरना। जीवन है फिर क्यूँ है मरना। स्वयं कर्मरत, विकास करें हम, नहीं किसी का चैन है हरना। समस्या, सुलझा लेंगे हम। संघर्ष...
Wednesday, September 17, 2025

मात-पिता से बढ़कर जग में

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  नहीं कभी कोई, हित होता है माँ, संतान के साथ है हँसती, रोती है, जब सुत रोता है। मात-पिता से बढ़कर जग में, नहीं कभी कोई, हित होता है।। मात-पि...
Monday, September 15, 2025

बहुत कठिन है सरल होना

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बहुत कठिन है सरल होना। स्वीकार गरल का गरल होना। असत्य, कपट, षड्यंत्रों के बीच, ईमानदारी पर गर्व होना। षड्यंत्रकारी का गरम होना।         ...
Friday, September 5, 2025

नहीं कोई है अपना यहाँ पर, कोई नहीं पराया है

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साथी है जो साथ में चलता   साथी है जो साथ में चलता, गीत प्रेम का गाया है। नहीं कोई है अपना यहाँ पर, कोई नहीं पराया है।। अपना तो जीवन है भटकन।...
Saturday, August 30, 2025

असफलता ही पाई हमने

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 आगे बढ़कर गले लगाया स्वार्थ पास हमारे आया, हमने तब-तब है ठुकराया। असफलता ही पाई हमने, आगे बढ़कर गले लगाया।। अपने आपको तुम पर थोपा। नहीं सुना,...
Friday, August 29, 2025

समस्याएँ नहीं गिनो तुम,

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  समाधान बन आगे आओ कर्म से अपनी राह बनाकर जीवन अपना सुखी बनाओ। समस्याएँ नहीं गिनो तुम, समाधान बन आगे आओ।। कर्मशील को अवसर जग में। कदम-कदम सं...
Wednesday, August 27, 2025

जन्म दिवस हो तुम्हें मुबारक

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  अपने पुत्र के जन्म दिवस 8 अगस्त 2025  के लिए गुजरात यात्रा के दौरान रेलगाड़ी में 7 अगस्त 2025 को लिखी गयी कविता प्रस्तुत है कर्म क्षेत्र मे...
Sunday, August 17, 2025

जीवन साथी नहीं है कोई

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  कुछ खुद को कह रहे घराती, कुछ कहते हैं, बराती हैं। जीवन साथी नहीं है कोई, सब कुछ पल के साथी हैं।। मात-पिता संग बचपन जीया। किषोरावस्था में, ...
Friday, August 8, 2025

समाधान नहीं खोजा तुमने,

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 समाधान नहीं तुम बन पाईं! समस्याओं में अटका यह जग, शिकायत करते लोग-लुगाई। समाधान नहीं खोजा तुमने, समाधान नहीं तुम बन पाईं!! रिश्तों में टकरा...
Thursday, June 12, 2025

होते नहीं, कभी पस्त हैं

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चाह नहीं, चाहत नहीं। आह! नहीं, आहत नहीं। हाय और हैलो नहीं, अपना कोई फैलो नहीं। अपेक्षा नहीं, उपेक्षा नहीं। इच्छा नहीं, परीक्षा नहीं। वर नहीं...
Thursday, June 5, 2025

उर खुशियों का स्रोत है प्यारे,

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गमों को खुशी में बदल पीजिए आपको खुशी मिले न मिले, सबको, अपने से खुशी दीजिए। उर खुशियों का स्रोत है प्यारे, गमों को खुशी में बदल पीजिए।। चाह ...
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डा.संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी

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डा.संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी
एक सीधा-सादा अध्यापक हूं। ईमान्दारी से जीवन जीने का प्रयास करने के कारण आसपास के सभी लोग परेशान हो जाते हैं और मुझे अपना दुश्मन समझने लगते हैं, जबकि मैं ना काहू से दोस्ती, ना काहू से वैर के सिद्धांत को जीने वाला इंसान हूं।
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