आज आओ मिल गले लगाए
सबको अपना मीत बनाए
कोई भले ही मीत बने ना
खुद को सबका मीत बनायें
चित्र भले ही हम ना पूजें
कथनी - करनी भेद मिटायें
कृत्रिमता को दूर भगा कर
नर नारायण बन दिखलाये।
बहुत सुंदर इच्छा है ! आपकी एक बात बहुत हद तक मुझसे मेल खाती है ! मीठा बोलना तथा दिखावा करना धोखे की पहली सीढ़ी है ,
ReplyDeleteमगर शायद हम लोग अनफिट हैं इस संसार के लिए . शायद हम किसी को खुश नही कर पाते ! हर आदमी को दिखावे का प्यार चाहिए, वास्तविकता हो या न हो राष्ट्रप्रेमी जी !
सतीश